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    शारदीय नवरात्र पर 24 घंटे खुले रहेंगे इन मंदिरों के कपाट, कुछ चीजों पर रहेगा पूर्ण प्रतिबंध

    By Babita kashyapEdited By:
    Updated: Tue, 17 Sep 2019 10:14 AM (IST)

    शारदीय नवरात्र के दौरान हिमाचल का श्री ज्वालामुखी मंदिर छठे सातवें और आठवें नवरात्र पर 24 घंटे खुला रहेगा इस दौरान आग्नेय शस्त्रों पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।

    शारदीय नवरात्र पर 24 घंटे खुले रहेंगे इन मंदिरों के कपाट, कुछ चीजों पर रहेगा पूर्ण प्रतिबंध

    ज्वालामुखी, जेएनएन। हिमाचल का श्री ज्वालामुखी मंदिर छठे, सातवें और आठवें नवरात्र पर 24 घंटे खुला रहेगा। शारदीय नवरात्र के दौरान 75 पुलिस कर्मचारी शहर की सुरक्षा का जिम्मा संभालेंगे। इसके अलावा इस अवधि में शहर में दो बार पेयजल आपूर्ति की जाएगी। ये फैसले सोमवार को श्री ज्वालामुखी मंदिर के सहायक आयुक्त एवं एसडीएम अंकुश शर्मा की अध्यक्षता में हुई मंदिर न्यास की बैठक में लिए गए।

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    29 सितंबर से आठ अक्टूबर तक चलने वाले शारदीय नवरात्र के लिए मंदिर को रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया जाएगा। इस दौरान एसडीएम ने संबंधित विभागों को नवरात्र से पहले व्यवस्था ठीक करने के निर्देश दिए। निर्णय लिया गया कि नवरात्र के दौरान ढोल नगाड़ों, लाउड स्पीकर, नारियल, तेजधार हथियार व आग्नेय शस्त्रों पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरों से हर जगह नजर रखी जाएगी। बड़े वाहन शहर के बाहर पार्किंग स्थलों में खड़े किए जाएंगे।

    इसके अलावा पार्किंग, पीने के पानी, सफाई, बिजली व लंगर लगाने बाबत भी चर्चा की गई। नवरात्र के दौरान ज्वालामुखी क्षेत्र में धारा 144 लागू रहेगी। बैठक में मंदिर अधिकारी विशन दास शर्मा, तहसीलदार जगदीश शर्मा, मंदिर न्यास सदस्य मधुसूदन शर्मा, पुजारी प्रशांत शर्मा, सौरभ शर्मा, जेपी दत्ता, कृष्णस्वरूप, शशि चौधरी, देशराज भारती, आइपीएच व विद्युत विभाग के अभियंता व थाना प्रभारी मनोहर चौधरी समेत अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। 

    नवरात्र का महत्व

    हिन्दू धर्म में नौ दिन तक चलने वाले माता के नवरात्र का विशेष महत्व है। पूरे वर्ष में कुल चार बार नवरात्र आते हैं। चैत्र और आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक पडऩे वाले नवरात्र काफी लोकप्रिय हैं। इसके अलावा आषाढ़ और माघ महीने में गुप्त नवरात्रि आते हैं। तंत्र साधना के लिए गुप्त नवरात्रि का विशेष महत्व होता है। देवी माता को प्रसन्न करने के लिए तांत्रिक तंत्र साधना करते हैं। लेकिन सिद्धि साधना के लिए शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व होता है। आषाढ़ और माघ मास के शुक्ल पक्ष में पडऩे वाले नवरात्र गुप्त नवरात्र कहलाते हैं। हालांकि आमतौर पर गुप्त नवरात्र नहीं मनाये जाते हैं, केवल तांत्रिक लोग इन दिनों मां की साधना करते हैं, नवरात्र के 10वें दिन दशहरा मनाया जाता है। 

    इस नवरात्र  घोड़े पर होगा मां दुर्गा का आगमन

    शारदीय नवरात्र 29 सितंबर से आरंभ होगा। इस बार नवरात्र 10 दिनों का होगा। आठ अक्टूबर को विजया दशमी धूमधाम से मनायी जाएगी। नवरात्र के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ विभिन्न रूपों की पूजा की जाएगी। मां दुर्गा का आगमन एवं गमन दोनों घोड़ा पर है। शास्त्र के अनुसार मां दुर्गा के घोड़ा पर आगमन अशांति का सूचक है। ज्योतिष एसके घोषाल के अनुसार माता के घोड़ा पर आगमन से देशों के बीच युद्ध हो सकता है। नवरात्र की षष्ठी तिथि से उत्सव का नजारा होगा। अधिकांश पूजा पंडालों का पट इसी दिन खुलेगा। इसके बाद अगले पांच दिनों तक पंडालों में माता के दर्शन को श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ेगी। शहर में हर ओर मेला सा नजारा होगा।

    माता के नौ रूप की होगी पूजा

    29 सितंबर: प्रतिपदा, घट स्थापना, प्रथम शैलपुत्री पूजा

    30 सितंबर: द्वितीया, ब्रह्म्मचारिणी पूजा

    1 अक्टूबर: तृतीया, चंद्रघंटा पूजा

    2 अक्टूबर: चतुर्थी: कुष्मांडा पूजा

    3 अक्टूबर: पंचमी, स्कंदमाता पूजा

    4 अक्टूबर: षष्ठी, कात्यायनी पूजा

    5 अक्टूबर: सप्तमी, कालरात्रि पूजा

    6 अक्टूबर: अष्टमी महागौरी पूजा

    7 अक्टूबर:  नवमी, सिद्धिदात्री पूजा

    8 अक्टूबर: दशमी, विजया दशमी, विसर्जन

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